Synopsis
GOOD NEWS, WORDS OF LIFE, AND GOSPEL SONGS WITH INDIAN MOST POPULAR LANGUAGES BY NUMBER(FROM No.1 TO No.12). // (- ) - , " ", " "
Episodes
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हिंदी-"शुभ समाचार एवं प्रभु प्रार्थना"।mp4
21/12/2016 Duration: 58minHindi - "Good News & Lord's Prayer".mp4 //यूहन्ना - अध्याय 1 1 आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था।2 यही आदि में परमेश्वर के साथ था।3 सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न न हुई।4 उस में जीवन था; और वह जीवन मुनष्यों की ज्योति थी।5 और ज्योति अन्धकार में चमकती है; और अन्धकार ने उसे ग्रहण न किया।6 एक मनुष्य परमेश्वर की ओर से आ उपस्थित हुआ जिस का नाम यूहन्ना था।7 यह गवाही देने आया, कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएं।8 वह आप तो वह ज्योति न था, परन्तु उस ज्योति की गवाही देने के लिये आया था।9 सच्ची ज्योति जो हर एक मनुष्य को प्रकाशित करती है, जगत में आनेवाली थी।10 वह जगत में था, और जगत उसके द्वारा उत्पन्न हुआ, और जगत ने उसे नहीं पहिचाना।11 वह अपने घर आया और उसके अपनों ने उसे ग्रहण नहीं किया।12 परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उस ने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं।13 वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्
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हिंदी - "यीशु: शिक्षक और मरहम लगाने वाले".mp4
21/12/2016 Duration: 29minHindi - "Jesus: Teacher and Healer".mp4 //1 कुरिन्थियों - अध्याय 131 यदि मैं मनुष्यों, और सवर्गदूतों की बोलियां बोलूं, और प्रेम न रखूं, तो मैं ठनठनाता हुआ पीतल, और झंझनाती हुई झांझ हूं।2 और यदि मैं भविष्यद्वाणी कर सकूं, और सब भेदों और सब प्रकार के ज्ञान को समझूं, और मुझे यहां तक पूरा विश्वास हो, कि मैं पहाड़ों को हटा दूं, परन्तु प्रेम न रखूं, तो मैं कुछ भी नहीं।3 और यदि मैं अपनी सम्पूर्ण संपत्ति कंगालों को खिला दूं, या अपनी देह जलाने के लिये दे दूं, और प्रेम न रखूं, तो मुझे कुछ भी लाभ नहीं।4 प्रेम धीरजवन्त है, और कृपाल है; प्रेम डाह नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, और फूलता नहीं।5 वह अनरीति नहीं चलता, वह अपनी भलाई नहीं चाहता, झुंझलाता नहीं, बुरा नहीं मानता।6 कुकर्म से आनन्दित नहीं होता, परन्तु सत्य से आनन्दित होता है।7 वह सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है।8 प्रेम कभी टलता नहीं; भविष्यद्वाणियां हों, तो समाप्त हो जाएंगी, भाषाएं हो तो जाती रहेंगी; ज्ञान हो, तो मिट जाएगा।9 क्योंकि हमारा ज्ञान अधूरा है, और हमारी भविष्यद्वाणी अधूरी।10 परन्तु
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हिंदी - "यीशु: प्रभु और मुक्तिदाता".mp4
21/12/2016 Duration: 27minHindi - "JESUS: Lord and Saviour".mp4
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हिंदी - "जीवन के शब्द और सुसमाचार गीत"।mp4
21/12/2016 Duration: 59minHindi Language - "Words of Life and Gospel Songs".mp4 //यशायाह - अध्याय 5213 देखो, मेरा दास बुद्धि से काम करेगा, वह ऊंचा, महान और अति महान हो जाएगा।14 जैसे बहुत से लोग उसे देखकर चकित हुए (क्योंकि उसका रूप यहां तक बिगड़ा हुआ था कि मनुष्या का सा न जान पड़ता था और उसकी सुन्दरता भी आदमियों की सी न रह गई थी),15 वैसे ही वह बहुत सी जातियों को पवित्र करेगा और उसको देखकर राजा शान्त रहेंगे; क्योंकि वे ऐसी बात देखेंगे जिसका वर्णन उनके सुनने में भी नहीं आया, और, ऐसी बात उनकी समझ में आएगी जो उन्होंने अभी तक सुनी भी न थी॥================यशायाह - अध्याय 531 जोसमाचार हमें दिया गया, उसका किस ने विश्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट हुआ?2 क्योंकि वह उसके साम्हने अंकुर की नाईं, और ऐसी जड़ के समान उगा जो निर्जल भूमि में फूट निकले; उसकी न तो कुछ सुन्दरता थी कि हम उसको देखते, और न उसका रूप ही हमें ऐसा दिखाई पड़ा कि हम उसको चाहते।3 वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दु:खी पुरूष था, रोग से उसकी जान पहिचान थी; और लोग उस से मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और, हम ने उसका मूल्य न जाना॥4 निश्चय उसने हमारे रोगो
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বাংলা - "যীশু: প্রভু ও ত্রাণকর্তা".mp4
20/12/2016 Duration: 47minBangla - "Jesus: Lord and Saviour".mp4 //যোহন অধ্যায় 11 আদিতে বাক্যছিলেন, বাক্য ঈশ্বরের সঙ্গে ছিলেন আর সেই বাক্যই ঈশ্বর ছিলেন৷2 সেই বাক্য আদিতে ঈশ্বরের সঙ্গে ছিলেন৷3 তাঁর মাধ্যমেই সব কিছুর সৃষ্টি হয়েছিল এবং এর মধ্যে তাঁকে ছাড়া কোন কিছুরই সৃষ্টি হয় নি৷4 তাঁর মধ্যে জীবন ছিল; আর সেই জীবন জগতের মানুষের কাছে আলো নিয়ে এল৷5 সেই আলো অন্ধকারের মাঝে উজ্জ্বল হয়ে উঠল; আর অন্ধকার সেই আলোকে জয় করতে পারে নি৷6 একজন লোক এলেন তাঁর নাম য়োহন; ঈশ্বর তাঁকে পাঠিয়েছিলেন৷7 তিনি সেই আলোর বিষয়ে সাক্ষ্য দেবার জন্য সাক্ষী রূপে এলেন; যাতে তাঁর মাধ্যমে সকল লোক সেই আলোর কথা শুনে বিশ্বাস করতে পারে৷8 য়োহন নিজে সেই আলো ছিলেন না; কিন্তু তিনি এসেছিলেন যাতে লোকদের কাছে সেই আলোর বিষয়ে সাক্ষ্য দিতে পারেন৷9 প্রকৃত য়ে আলো, তা সকল মানুষকে আলোকিত করতে পৃথিবীতে আসছিলেন৷10 সেই বাক্য জগতে ছিল এবং এই জগত তাঁর দ্বারাই সৃষ্ট হয়েছিল; কিন্তু জগত তাঁকে চিনতে পারে নি৷11 য়ে জগত তাঁর নিজস্ব সেখানে তিনি এলেন, কিন্তু তাঁর নিজের লোকেরাই তাঁকে গ্রহণ করল না৷12 কিন্তু কিছু লোক তাঁকে গ্রহণ করল এবং তাঁকে বিশ্বাস করল৷ যাঁরা বিশ্বাস করল তাদের সকলকে তিনি ঈশ্
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বাংলা- "যীশু: শিক্ষক এবং হিল".mp4
20/12/2016 Duration: 52minBengali - "Jesus: Teacher and Healer".mp4 //করিন্থীয় ১ অধ্যায় 131 আর এখন আমি তোমাদের এসবের থেকে আরো উত্কৃষ্ট একটা পথ দেখাব৷ আমি যদি বিভিন্ন মানুষের ভাষা এমনকি স্বর্গদূতদের ভাষাও বলি কিন্তু আমার মধ্যে যদি ভালবাসা না থাকে, তবে আমি জোরে বাজানো ঘন্টা বা ঝনঝন করা করতালের আওয়াজের মতো৷2 আমি যদি ভাববাণী বলার ক্ষমতা পাই, ঈশ্বরের সব নিগূঢ়তত্ত্ব ভালভাবে বুঝি এবং সব ঐশ্বরিক জ্ঞান লাভ করি, আমার যদি এমন বড় বিশ্বাস থাকে যার শক্তিতে আমি পাহাড় পর্যন্ত টলাতে পারি, অথচ আমার মধ্যে যদি ভালবাসা না থাকে তবে এসব থাকা সত্ত্বেও আমি কিছুই নয়৷3 আমি যদি আমার যথা সর্বস্ব দিয়ে দরিদ্রদের মুখে অন্ন য়োগাই, যদি আমার দেহকে আহুতি দেবার জন্য আগুনে সঁপে দিই,4 কিন্তু যদি আমার মধ্যে ভালবাসা না থাকে, তাহলে আমার কিছুই লাভ নেই৷ ভালবাসা ধৈর্য় ধরে, ভালবাসা দয়া করে, ভালবাসা ঈর্ষা করে না, অহঙ্কার বা গর্ব করে না৷5 ভালবাসা কোন অভদ্র আচরণ করে না৷ ভালবাসা স্বার্থ-সিদ্ধির চেষ্টা করে না, কখনও রেগে ওঠে না, অপরের অন্যায় আচরণ মনে রাখে না৷6 ভালবাসা কোন মন্দ বিষয় নিয়ে আনন্দ করে না, কিন্তু সত্যে আনন্দ করে৷7 ভালবাসা সব কিছুই সহ্য করে, সব কিছু বিশ্বাস
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"জীবন এর শব্দ"-বাঙালি.mp3
20/12/2016 Duration: 59minBangali-(Words of Life).mp3. //ইসাইয়া অধ্যায় 5213 “আমার দাসকে দেখো| সে জ্ঞান অর্জন ও শিক্ষাদানে খুবই সফল হবে| সে খুবই গুরুত্বপূর্ণ হবে| ভবিষ্যতে লোকে তাকে প্রচুর শ্রদ্ধা ও সম্মান জানাবে|14 “কিন্তু আমার দাসকে দেখে অনেকের খুব মনোকষ্ট হবে| সে এত বাজে ভাবে আঘাতপ্রাপ্ত হয়েছিল যে অনেকেরই তাকে মানুষ বলে চিনতে কষ্ট হবে|15 এমনকি অনেক লোক বিহবল হয়ে যাবে এবং একটা কথাও বলতে পারবে না| রাজারা তাকে দেখে বিহবল হয়ে গিয়ে একটি কথাও বলতে পারবেন না| তারা আমার দাসের গল্প শোনেনি, কিন্তু কি ঘটেছিল তা দেখেছিল| সেই গল্প তারা শুনতে না পেলেও বুঝতে পারবে কি ঘটেছিল|”=============ইসাইয়া অধ্যায় 531 কেসত্যিই বিশ্বাস করেছিল, আমাদের ঘোষণার কথা? কে সত্যি সত্যিই গ্রহণ করেছিল প্রভুর শাস্তি?2 সে প্রভুর সামনে, ছোট গাছের মতে বড় হতে লাগল| সে ছিল শুকনো জমিতে গাছের শিকড়ের বড় হওয়ার মতো| তাকে দেখতে বিশেষ কিছু লাগত না| তার কোন বিশেষ মহিমা ছিল না| যদি আমরা তার দিকে তাকাতাম তবে তাকে ভালো লাগার মত বিশেষ কিছুই চোখে পড়ত না|3 লোকে তাকে ঘৃণা করেছিল, তার বন্ধুরা তাকে ত্যাগ করেছিল| তার প্রচুর দুঃখ ছিল| অসুস্থতার বিষয়ে তার অভিজ্ঞতা ছিল| লোকরা তার কাছ
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"గుడ్ న్యూస్" - తెలుగు.mp4
20/12/2016 Duration: 46minTelugu - "Good News".mp4 //యోహాను సువార్త అధ్యాయం 11 ఆదియందు వాక్యముండెను, వాక్యము దేవునియొద్ద ఉండెను, వాక్యము దేవుడై యుండెను.2 ఆయన ఆది యందు దేవునియొద్ద ఉండెను. సమస్తమును ఆయన మూలముగా కలిగెను,3 కలిగియున్నదేదియు ఆయన లేకుండ కలుగలేదు.4 ఆయనలో జీవముండెను; ఆ జీవము మనుష్యులకు వెలుగైయుండెను.5 ఆ వెలుగు చీకటిలో ప్రకాశించుచున్నది గాని చీకటి దాని గ్రహింపకుండెను.6 దేవునియొద్దనుండి పంపబడిన యొక మనుష్యుడు ఉండెను; అతని పేరు యోహాను.7 అతని మూలముగా అందరు విశ్వసించునట్లు అతడు ఆ వెలుగునుగూర్చి సాక్ష్య మిచ్చుటకు సాక్షిగా వచ్చెను.8 అతడు ఆ వెలుగైయుండ లేదు గాని ఆ వెలుగునుగూర్చి సాక్ష్యమిచ్చుటకు అతడు వచ్చెను.9 నిజమైన వెలుగు ఉండెను; అది లోకములోనికి వచ్చుచు ప్రతి మనుష్యుని వెలిగించుచున్నది.10 ఆయన లోకములో ఉండెను, లోక మాయన మూలముగా కలిగెను గాని లోకమాయనను తెలిసికొనలేదు.11 ఆయన తన స్వకీ యులయొద్దకు వచ్చెను; ఆయన స్వకీయులు ఆయనను అంగీకరింపలేదు.12 తన్ను ఎందరంగీకరించిరో వారికంద రికి, అనగా తన నామమునందు విశ్వాసముంచినవారికి, దేవుని పిల్లలగుటకు ఆయన అధికారము అనుగ్రహించెను.13 వారు దేవునివలన పుట్టినవారే గాని, రక్తమువలననైనను శరీరేచ్ఛవలననైనను మానుషేచ్ఛవలననైన
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"చట్టాలు ది ది పవిత్ర ఆత్మ" - తెలుగు.mp4
20/12/2016 Duration: 28minTelugu - "Acts of the HOLY SPIRIT".mp4 //యెషయా గ్రంథము అధ్యాయం 5213 ఆలకించుడి, నా సేవకుడు వివేకముగా ప్రవర్తించును అతడు హెచ్చింపబడి ప్రసిద్ధుడై మహా ఘనుడుగా ఎంచబడును.14 నిన్ను చూచి యే మనిషిరూపముకంటె అతని ముఖ మును, నరరూపముకంటె అతని రూపమును చాల వికారమని చాలమంది యేలాగు విస్మయమొందిరొ15 ఆలాగే అతడు అనేక జనములను చిలకరించును రాజులు అతని చూచి నోరు మూసికొనెదరు తమకు తెలియజేయబడని సంగతులు వారు చూచెదరు తాము విననిదానిని గ్రహింతురు.===================యెషయా గ్రంథము అధ్యాయం 531 మేము తెలియజేసిన సమాచారము ఎవడు నమ్మెను? యెహోవా బాహువు ఎవనికి బయలుపరచబడెను?2 లేతమొక్కవలెను ఎండిన భూమిలో మొలిచిన మొక్కవలెను అతడు ఆయనయెదుట పెరిగెను. అతనికి సురూపమైనను సొగసైనను లేదు మనమతని చూచి, అపేక్షించునట్లుగా అతనియందు సురూపము లేదు.3 అతడు తృణీకరింపబడినవాడును ఆయెను మనుష్యులవలన విసర్జింపబడినవాడును వ్యసనాక్రాంతుడుగాను వ్యాధి ననుభవించినవాడు గాను మనుష్యులు చూడనొల్లనివాడుగాను ఉండెను. అతడు తృణీకరింపబడినవాడు గనుక మనము అతనిని ఎన్నికచేయకపోతివిు.4 నిశ్చయముగా అతడు మన రోగములను భరించెను మన వ్యసనములను వహించెను అయినను మొత్తబడినవానిగాను దేవునివలన బాధింపబడినవానిగాను శ్రమనొంద
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తెలుగు - "జీవిత పదాలు మరియు సువార్త పాటలు".mp4
20/12/2016 Duration: 57minTelugu - "Words of Life and Gospel Songs".mp4 //1 కొరింథీయులకు అధ్యాయం 131 మనుష్యుల భాషలతోను దేవదూతల భాషలతోను నేను మాటలాడినను, ప్రేమలేనివాడనైతే మ్రోగెడు కంచును గణగణలాడు తాళమునై యుందును.2 ప్రవచించు కృపావరము కలిగి మర్మములన్నియు జ్ఞానమంతయు ఎరిగినవాడనైనను, కొండలను పెకలింపగల పరిపూర్ణ విశ్వాసముగలవాడనైనను, ప్రేమలేనివాడనైతే నేను వ్యర్థుడను.3 బీదలపోషణకొరకు నా ఆస్తి అంతయు ఇచ్చి నను, కాల్చబడుటకు నా శరీరమును అప్పగించినను, ప్రేమ లేనివాడనైతే నాకు ప్రయోజనమేమియు లేదు.4 ప్రేమ దీర్ఘకాలము సహించును, దయ చూపించును. ప్రేమ మత్సరపడదు; ప్రేమ డంబముగా ప్రవర్తింపదు; అది ఉప్పొంగదు;5 అమర్యాదగా నడువదు; స్వప్రయో జనమును విచారించుకొనదు; త్వరగా కోపపడదు; అపకారమును మనస్సులో ఉంచుకొనదు.6 దుర్నీతివిషయమై సంతోషపడక సత్యమునందు సంతోషించును.7 అన్ని టికి తాళుకొనును, అన్నిటిని నమ్మును; అన్నిటిని నిరీక్షించును; అన్నిటిని ఓర్చును.8 ప్రేమ శాశ్వతకాలముండును. ప్రవచనములైనను నిరర్థకములగును; భాషలైనను నిలిచిపోవును; జ్ఞానమైనను నిరర్థకమగును;9 మనము కొంత మట్టుకు ఎరుగుదుము, కొంతమట్టుకు ప్రవచించుచున్నాము గాని10 పూర్ణమైనది వచ్చినప్పుడు పూర్ణముకానిది నిరర్థక మగును.11 నేను పి
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मराठी - "चांगले बातम्या".mp4
20/12/2016 Duration: 53minMarathi Language - "Good News".mp4 //योहान - अध्याय 1 1 जगाची उत्पत्ति होण्यापूर्वी शब्दअस्तित्वात होता. तो शब्द देवाबरोबर होता. आणि शब्द देव होता.2 तो शब्द सुरूवातीपासूनच देवाबरोबर होता.3 त्याच्याद्वारे (शब्दाच्या) सर्व काही निर्माण करण्यात आले त्याच्याशिवाय काहीच निर्माण करण्यात आले नाही.4 त्याच्यामध्ये जीवन होते. ते जीवन जगातील लोकांसाठी प्रकाश (समजबुद्धी, चांगुलपण) असे होते.5 हा प्रकाश अंधारात प्रकाशतो. पण त्या प्रकाशाला अंधाराने पराभूतकेले नाही.6 योहाननावाचा एक मनुष्य होता. देवाने त्याला पाठवीले.7 तो लोकांना प्रकाशाविषयी (ख्रिस्ताविषयी) सांगण्यासाठी आला. यासाठी की, योहानाकडून प्रकाश विषयी ऐकून लोकांनी विश्वास ठेवावा.8 योहान तो प्रकाश नव्हता, परंतु लोकांना प्रकाशाविषयी सांगण्यासाठी योहान आला.9 खरा प्रकाश जगात येणार होता. हा प्रकाश सर्व लोकांना प्रकाश देतो.10 शब्द अगोदरच जगात होता. त्याच्याद्वारेच जग निर्माण झाले. परंतु जगाने त्याला ओळखले नाही.11 तो जगात आला, जे त्याचे स्वत:चे होते त्या लोकांकडे आला, परंतु त्याच्या स्वत:च्याच लोकांनी त्याला आपले मानले नाही.12 काही लोकांनी त्याला आपले मानले. त्यांनी त्याच्य
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मराठी भाषा - "जीवनाचे शब्द क्रमांक 2".mp4 Marathi Languagec -"Words of Life No.1".mp4
20/12/2016 Duration: 52minMarathi Languagec -"Words of Life No.2".mp4 //1 करिंथकरांस - अध्याय 131 मीमाणसांच्या जिभांनी बोललो व देवदूतांच्यासुद्धा भाषेत बोलणे मला शक्य असेल, माइया ठायी प्रीति नसली तर मी वाजणारी थाळी किंवा मोठा आवाज करणारी झांज आहे.2 जर मला देवासाठी संदेश देण्याची शक्ति असली आणि मला सर्व रहस्ये माहीत असली, सर्व दैवी ज्ञान असले आणि डोंगर ढळविता येतील असा दृढ विश्र्वास असला, परंतु माइया ठायी प्रीति नसली,3 तर मी काहीच नाही. आणि मी जर माझे सर्व धन गरजवांताच्या अन्नदानासाठी दिले आणि मी माझे शरीर जाळण्यासाठी दिले पण जर माइयात प्रीति नसली,4 तरी मी काहीच मिळवीत नाही. प्रीति गर्व करीत नाही.प्रीति सहनशील आहे, प्रीति दयाळू आहे, ती हेवा करीत नाही. प्रीति बढाई मारीत नाही.5 ती गर्वाने फुगत नाही. ती अयोग्य रीतीने वागत नाही. ती स्वार्थी नाही, ती चिडत नाही. तिच्याविरुद्ध केलेल्याची नोंद ती ठेवीत नाही,6 वाईटात ती आनंद मानीत नाही. परंतु सत्याविषयी इतरांबरोबर ती आनंद मानते.7 सर्व काही खरे मानण्यास सिध्द असते8 ती नेहमी विश्वास ठेवते. आशा धरते. नेहमी सहन करते. प्रीति कधी संपत नाही. पण भविष्य सांगण्याची दाने ती बाजूला केली जातील. इतर भाषा बोल
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मराठी भाषा - "जीवनाचे शब्द क्रमांक ३".mp4
20/12/2016 Duration: 30minMarathi Language - "Words of Life No. 3".mp4 //यशया - अध्याय 5213 “माझ्या सेवकाकडे पाहा. तो नक्कीच यशस्वी होईल.त्याला अतिशय महत्व येईल. भविष्यात लोक त्याचा आदर करतील. त्याला मान देतील.14 “माझ्या सेवकाला पाहून खूप लोकांना धक्का बसला. त्याला इतकी दुखापत झाली होती की मनुष्य म्हणून त्याला ओळखणे त्यांना शक्य नव्हते.15 पण त्यांना अधिकच आश्चर्य वाटेल. राजे त्यांच्याकडे आश्चर्याने पाहातील पण ते एकही शब्द बोलणार नाहीत. माझ्या सेवकाची गोष्ट ह्या लोकांनी ऐकलेली नाही. काय झाले ते त्यांनी पाहिले. त्यांनी जरी ती गोष्ट ऐकली नसली तरी त्यांना ती सर्व समजलेली आहे.”==============यशया - अध्याय 531 “आम्ही जाहीर केलेल्या गोष्टींवर खरा विश्वास कोणी ठेवला? परमेश्वराने केलेली शिक्षा खरोखरी कोणी स्वीकारली?2 तो एखाद्या रोपट्याप्रमाणे परमेश्वरासमोर वाढला. ओसाड जमिनीवर वाढणाऱ्या अंकुराप्रमाणे तो होता. त्याच्यात काही विशेष नव्हते. त्याला विशेष शोभा नव्हती. आपण त्याच्याकडे पाहिल्यावर तो आपल्याला आवडावा असे त्याच्यात काहीही वैशिष्ट्य नव्हते.3 लोकांनी त्याची चेष्टा केली. आणि त्याचे मित्र त्याला सोडून गेले. तो खूप दु:खी व व्यथित माणूस होता. घ
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தமிழ் மொழி - "இயேசு: இறைவன் & இரட்சகர்".mp4
20/12/2016 Duration: 28minTamil Language - "Jesus: Lord & Saviour).mp4. //யோவான் 11 ஆதியிலே வார்த்தை இருந்தது, அந்த வார்த்தை தேவனிடத்திலிருந்தது, அந்த வார்த்தை தேவனாயிருந்தது.2 அவர் ஆதியிலே தேவனோடிருந்தார்.3 சகலமும் அவர் மூலமாய் உண்டாயிற்று; உண்டானதொன்றும் அவராலேயல்லாமல் உண்டாகவில்லை.4 அவருக்குள் ஜீவன் இருந்தது, அந்த ஜீவன் மனுஷருக்கு ஒளியாயிருந்தது.5 அந்த ஒளி இருளிலே பிரகாசிக்கிறது; இருளானது அதைப் பற்றிக்கொள்ளவில்லை.6 தேவனால் அனுப்பப்பட்ட ஒரு மனுஷன் இருந்தான், அவன் பேர் யோவான்.7 அவன் தன்னால் எல்லாரும் விசுவாசிக்கும்படி அந்த ஒளியைக் குறித்துச்சாட்சிகொடுக்க சாட்சியாக வந்தான்.8 அவன் அந்த ஒளியல்ல, அந்த ஒளியைக்குறித்துச் சாட்சிகொடுக்க வந்தவனாயிருந்தான்.9 உலகத்திலே வந்து எந்த மனுஷனையும் பிரகாசிப்பிக்கிற ஒளியே அந்த மெய்யான ஒளி.10 அவர் உலகத்தில் இருந்தார், உலகம் அவர் மூலமாய் உண்டாயிற்று. உலகமோ அவரை அறியவில்லை.11 அவர் தமக்குச் சொந்தமானதிலே வந்தார், அவருக்குச் சொந்தமானவர்களோ அவரை ஏற்றுக்கொள்ளவில்லை.12 அவருடைய நாமத்தின்மேல் விசுவாசமுள்ளவர்களாய் அவரை ஏற்றுக்கொண்டவர்கள் எத்தனைபேர்களோ, அத்தனை பேர்களும் தேவனுடைய பிள்ளைகளாகும்படி, அவர்களுக்கு அத
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தமிழ் மொழி - "இயேசு: ஆசிரியர் மற்றும் குணப்படுத்துபவர்".mp4
20/12/2016 Duration: 28minTamil Language - "Jesus: Teacher and Healer".mp4 //1 கொரிந்தியர் 131 நான் மனுஷர் பாஷைகளையும் தூதர்பாஷைகளையும் பேசினாலும், அன்பு எனக்கிராவிட்டால், சத்தமிடுகிற வெண்கலம்போலவும், ஓசையிடுகிற கைத்தாளம்போலவும் இருப்பேன்.2 நான் தீர்க்கதரிசன வரத்தை உடையவனாயிருந்து, சகல இரகசியங்களையும், சகல அறிவையும் அறிந்தாலும், மலைகளைப் பேர்க்கத்தக்கதாக சகல விசுவாசமுள்ளவனாயிருந்தாலும், அன்பு எனக்கிராவிட்டால் நான் ஒன்றுமில்லை.3 எனக்கு உண்டான யாவற்றையும் நான் அன்னதானம்பண்ணினாலும், என் சரீரத்தைச் சுட்டெரிக்கப்படுவதற்குக் கொடுத்தாலும், அன்பு எனக்கிராட்டால் எனக்குப் பிரயோஜனம் ஒன்றுமில்லை.4 அன்பு நீடிய சாந்தமும் தயவுமுள்ளது; அன்புக்குப் பொறாமையில்லை; அன்பு தன்னைப் புகழாது, இறுமாப்பாயிராது,5 அயோக்கியமானதைச் செய்யாது, தற்பொழிவை நாடாது, சினமடையாது, தீங்கு நினையாது,6 அநியாயத்தில் சந்தோஷப்படாமல், சத்தியத்தில் சந்தோஷப்படும்.7 சகலத்தையும் தாங்கும், சகலத்தையும் விசுவாசிக்கும், சகலத்தையும் நம்பும், சகலத்தையும் சகிக்கும்.8 அன்பு ஒருக்காலும் ஒழியாது. தீர்க்கதரிசனங்களானாலும் ஒழிந்துபோம், அந்நிய பாஷைகளானாலும் ஓய்ந்துபோம், அறிவானாலும் ஒழிந்துபோம்.9 நம்ம
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"اردو زبان - "یسوع: استاد اور شفا دینے والا.mp4
20/12/2016 Duration: 35minUrdu Language - "Jesus: Teacher and Healer".mp4 //یُوحنّا باب 11 اِبتدا میں کلام تھا اور کلام خُدا کے ساتھ تھا اور کلام خُدا تھا۔2 یہی اِبتدا میں خُدا کے ساتھ تھا۔3 سب چِیزیں اُس کے وسِیلہ سے پَیدا ہُوئیں اور جو کُچھ پَیدا ہُؤا ہے اُس میں سے کوئی چِیز بھی اُس کے بغَیر پَیدا نہِیں ہُوئی۔4 اُس میں زِندگی تھی اور وہ زِندگی آدمِیوں کا نُور تھی۔5 اور نُور تارِیکی میں چمکتا ہے اور تارِیکی نے اُسے قُبُول نہ کِیا۔6 ایک آدمِی یُوحنّا نام آموجُود ہُؤا جو خُدا کی طرف سے بھیجا گیا تھا۔7 یہ گواہی کے لئِے آیا کہ نُور کی گواہی دے تاکہ سب اُس کے وسِیلہ سے اِیمان لائیں۔8 وہ خُود تو نُور نہ تھا مگر نُور کی گواہی دینے آیا تھا۔9 حقیقی نُور جو ہر ایک آدمِی کو روشن کرتا ہے دُنیا میں آنے کو تھا۔10 وہ دُنیا میں تھا اور دُنیا اُس کے وسِیلہ سے پَیدا ہُوئی اور دُنیا نے اُسے نہ پہچانا۔11 وہ اپنے گھر آیا اور اُس کے اپنوں نے اُسے قُبُول نہ کِیا۔12 لیکِن جِتنوں نے اُسے قُبُول کِیا اُس نے اُنہِیں خُدا کے فرزند بننے کا حق بخشا یعنی اُنہِیں جو اُس کے نام پر اِیِمان لاتے ہیں۔13 وہ نہ خُون سے جِسم کی خواہِش سے نہ اِنسان کے اِرادہ سے بلکہ خُدا
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اردو زبان - "یسوع: خداوند اور نجات دہندہ"۔.mp4
20/12/2016 Duration: 35minUrdu Language - "Jesus: Lord and Saviour".mp4 //13 کُرنتھِیوں ۱ باب1 اگر مَیں فرِشتوں کی زبانیں بولُوں اور محبّت نہ رکھُّوں تو مَیں ٹھنٹھناتا پِیتل یا جھنجھناتی جھانجھ ہُوں۔2 اور اگر مُجھے نُبُوّت مِلے اور سب بھیدوں اور کُل عِلم کی واقفِیت ہو اور میرا اِیمان یہاں تک کامِل ہو کہ پہاڑوں کو ہٹا دُوں اور محبّت نہ رکھُّوں تو مَیں کُچھ بھی نہِیں۔3 اور اگر اپنا سارا مال غرِیبوں کو کھِلا دُوں یا اپنا بَدَن جلانے کو دے دُوں اور محبّت نہ رکھُّوں تو مُجھے کُچھ بھی فائِدہ نہِیں۔4 محبّت صابِر ہے اور مہِربان۔ محبّت حسد نہِیں کرتی۔ محبّت شَیخی نہِیں مارتی اور پھُولتی نہِیں۔5 نازیبا کام نہِیں کرتی۔ اپنی بہِتری نہِیں چاہتی۔ جھُنجھلاتی نہِیں۔ بدگُمانی نہِیں کرتی۔6 بدکاری سے خُوش نہِیں ہوتی بلکہ راستی سے خُوش ہوتی ہے۔7 سب کُچھ سہہ لیتی ہے۔ سب کُچھ یقِین کرتی ہے سب باتوں کی اُمِید رکھتی ہے۔ سب باتوں کی برداشت کرتی ہے۔8 محبّت کو زوال نہِیں۔ نُبُوّتیں ہوں تو مَوقُوف ہو جائیں گی۔ زبانیں ہوں تو جاتی رہیں گی۔ عِلم ہو تو مِٹ جائے گا۔9 کِیُونکہ ہمارا عِلم ناقِص ہے اور ہماری نُبُوّت ناتمام۔10 لیکِن جب کامِل آئے گا تو ناقِص جاتا رہے گا۔
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ગુજરાતી ભાષા - "ગુડ ન્યૂઝ".mp4
19/12/2016 Duration: 50minGujarati Language - "Good News".mp4 //યોહાન પ્રકરણમાં 11 જગતનો આરંભ થયા પહેલાંથી, તે શબ્દ ત્યાં હતો. તે શબ્દ દેવની સાથે હતો. તે શબ્દ દેવ હતો.2 તે શરુંઆતમાં ત્યાં દેવની સાથે હતો.3 તેના થી જ બધી વસ્તુઓ ઉત્પન્ન થઈ. તેના વિના કશું જ ઉત્પન્ન થયું નથી.4 તેનામાં જીવન હતું. તે જીવન લોકો માટે પ્રકાશ હતો.5 તે અજવાળું અંધકારમાં પ્રકાશે છે. અંધકારે પ્રકાશને જાણ્યો નથી.6 ત્યાં એક યોહાન નામનો માણસ આવ્યો, તેને દેવે મોકલ્યો હતો.7 યોહાન લોકોને પ્રકાશ વિષે કહેવા આવ્યો. યોહાન દ્વારા લોકો પ્રકાશ વિષે સાંભળી અને માની શકે.8 યોહાન પોતે પ્રકાશ નહોતો. પણ યોહાન લોકોને પ્રકાશ વિષે કહેવા આવ્યો.9 સાચો પ્રકાશ જગતમાં આવતો હતો. આજ ખરો પ્રકાશ છે જે બધા લોકોને પ્રકાશ આપે છે.10 તે શબ્દ જગતમાં હતો જ. તેના દ્વારા જ જગતનું નિર્માણ થયું છે. પણ જગતે તેને ઓળખ્યો નહિ.11 જે જગતમાં આવ્યો તે તેનું પોતાનું જ હતું. પણ તેના પોતાના લોકોએ જ તેનો સ્વીકાર કર્યો નહિ.12 કેટલાક લોકોએ તેનો સ્વીકાર કર્યો. તેઓએ તેનામાં વિશ્વાસ કર્યો. જે લોકોએ તેનામાં વિશ્વાસ કર્યો હતો તેઓને તેણે કંઈક આપ્યું. તેણે તેઓને દેવનાં બાળકો થવાનો અધિકાર આપ્યો.13 જેવી રીતે નાનાં બાળકો જન્મ